|| श्री हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi) ||

हनुमान जी की आरती करना अत्यंत शुभ माना गया है। यह मन को शांति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। आरती से भय, तनाव और नकारात्मकता दूर होकर व्यक्ति में आत्मविश्वास और बल-बुद्धि का विकास होता है। नियमित आरती करने से घर में मंगल, सुख और शांति बनी रहती है।

आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे । रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी । संतान के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई।।
लंका जारी असुर संहारे । सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे । आणि संजीवन प्राण उबारे।।
पैठी पताल तोरि जमकारे । अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे । दाहिने भुजा संतजन तारे।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे । जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई । तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

जो हनुमानजी की आरती गावै । बसी बैकुंठ परमपद पावै।।

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भक्ति भाव से हनुमान जी की आरती करने पर जीवन के संकट, बाधाएँ और शनि संबंधी कष्ट दूर होते हैं। आरती से मानसिक शांति, सुरक्षा और कार्यों में सफलता मिलती है। यह घर को नकारात्मक प्रभावों से बचाकर सुख-समृद्धि और सौभाग्य का मार्ग खोलती है।

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