वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शाही शादी: जयपुर के ताज अमेर में हुए वेदिक रीति से विवाह, CM योगी समेत 50 VIP रहे शामिल

जयपुर के ताज अमेर पैलेस में वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा का विवाह समारोह इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। भव्य सजावट, हजारों श्रद्धालु, 50 से अधिक VIP मेहमान और वेदिक विधि से सम्पन्न हुए विवाह ने इस आयोजन को बेहद खास बना दिया। समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष उपस्थिति ने इस शादी को और भी सुर्खियों में ला दिया।

इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा का विवाह पूरी तरह वेदिक परंपराओं के अनुसार सम्पन्न किया गया। जयपुर के ताज अमेर होटल में सुबह से ही तैयारियां जोरों पर थीं। मंडप को पारंपरिक पुष्प सजावट, पीतल के कलश, दक्षिण भारतीय दीप सज्जा और शंखनाद से सजाया गया। विवाह मंडप में वैदिक आचार्यों द्वारा मंत्रोच्चार किया गया, और अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर विवाह पूर्ण हुआ।

यह आयोजन साधारण नहीं था—राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई प्रतिष्ठित अतिथि इसमें शामिल हुए। होटल के बाहर से लेकर लॉबी तक पूरी तरह सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी।

ब्राह्मण परंपरा के अनुसार वेदिक मंत्रों के साथ विवाह

इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा का विवाह पूरी तरह ब्राह्मण परंपरा के अनुसार सम्पन्न किया गया, जिसकी शुरुआत गणेश पूजन और मंडप प्रवेश से हुई। विवाह स्थल पर वेदपाठी आचार्यों द्वारा शुक्ल यजुर्वेद और ऋग्वेद के मंत्रों का उच्चारण किया गया, जिसने वातावरण को अत्यंत पवित्र बना दिया। अग्नि की स्थापना के साथ सप्तपदी की विधि सम्पन्न की गई और प्रत्येक फेरे के दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण होता रहा। मंडप में दक्षिण भारतीय दीप सज्जा, पीतल के कलश और शंखनाद ने इस पूरे समारोह को आध्यात्मिक और पारंपरिक स्वरूप दिया। विवाह की हर रस्म को पूर्ण शास्त्रीय विधि से निभाया गया, जिसमें दूल्हा–दुल्हन के परिवारों ने भी मंत्रोच्चारण में सहभागी होकर समारोह की गरिमा बढ़ाई। यह विवाह आधुनिकता और परंपरा के सुंदर संगम का उदाहरण बना, जहाँ हजारों लोग इस दुर्लभ वैदिक विवाह को देखने के लिए उत्सुकता से एकत्र हुए।

CM योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी बनी मुख्य आकर्षण

विवाह समारोह का सबसे विशेष क्षण वह था जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताज अमेर में पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के आगमन ने पूरे वातावरण को और भी ऊर्जा से भर दिया। उन्होंने दूल्हा–दुल्हन को आशीर्वाद दिया और परिवार से मुलाकात कर उनकी नई शुरुआत पर शुभकामनाएँ दीं। योगी आदित्यनाथ ने वेदिक परंपरा से सम्पन्न इस विवाह की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर तभी जीवंत रहती है जब समाज इसे हृदय से अपनाए। उनकी मौजूदगी के चलते कई धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। ताज अमेर के बाहर बड़ी संख्या में लोग योगी आदित्यनाथ की एक झलक पाने के लिए खड़े थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इंद्रेश उपाध्याय का प्रभाव धार्मिक जगत के अलावा राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी गहरा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुईं शादी की झलकियाँ

इंद्रेश उपाध्याय की शादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर अभूतपूर्व रूप से वायरल हुए। जयपुर के ताज अमेर में सजे हुए वेदिक मंडप, वरमाला की रस्म, पारंपरिक परिधान में सजे दूल्हा–दुल्हन और वैदिक मंत्रों की ध्वनि—इन सभी दृश्यों ने लोगों का दिल जीत लिया। इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर शादी के वीडियो को लाखों लाइक और व्यूज़ मिले, जबकि ट्विटर पर #IndreshUpadhyayWedding ट्रेंड करता रहा। कई भक्तों ने इसे “आध्यात्मिक विवाह”, “वेदिक परंपरा का उत्सव” और “भारतीय संस्कृति का स्वर्णिम क्षण” बताते हुए पोस्ट साझा कीं। शादी में योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति वाली तस्वीरें भी वायरल हुईं, जिसने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया। सोशल मीडिया पर इतने बड़े स्तर पर हुए उत्साह ने यह दर्शाया कि भारतीय समाज आज भी धार्मिक, पारंपरिक और पवित्र आयोजनों से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।

दिक परंपरा से गहरा जुड़ाव — इंद्रेश उपाध्याय का परिचय
इंद्रेश उपाध्याय केवल एक कथावाचक नहीं, बल्कि वेद, पुराण और धर्मशास्त्रों के ज्ञानी युवा आचार्य हैं। वृंदावन में पले-बढ़े इंद्रेश ने कम उम्र में ही भागवत कथा, रामकथा और सांस्कृतिक प्रवचनों के माध्यम से लाखों भक्तों का आशीर्वाद प्राप्त किया है। उनकी वाणी, प्रस्तुति और आध्यात्मिक समझ उन्हें अलग बनाती है। वेदिक परंपराओं में उनकी गहरी रुचि और अध्ययन ने उन्हें कथावाचकों की नई पीढ़ी में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। इंद्रेश उपाध्याय अपने प्रवचनों में भक्ति, धर्म, आचार, वेदांत और अध्यात्म को सरल भाषा में समझाकर लोगों को प्रेरित करते हैं। उनका व्यक्तित्व विनम्र, शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ माना जाता है। यही कारण है कि उनकी शादी को केवल एक व्यक्तिगत समारोह नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक जगत का एक विशेष उत्सव माना गया। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि देशभर से श्रद्धालु केवल एक झलक पाने के लिए ताज अमेर और बाद में वृंदावन में उमड़ पड़े।
जयपुर से वृंदावन तक — दर्शकों का उत्साह
शादी के अगले ही दिन जब नवविवाहित दंपत्ति वृंदावन पहुंचे, तो भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर और वृंदावन के अन्य प्रमुख मंदिरों में लोगों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। कई श्रद्धालु हाथ जोड़कर आशीर्वाद लेते नजर आए। वृंदावन की गलियों में दंपत्ति के आगमन पर भक्ति संगीत बजता रहा और लोगों ने इसे “दिव्य अवसर” बताया। कई भक्तों का कहना था कि इंद्रेश उपाध्याय केवल एक कथावाचक नहीं, बल्कि आधुनिक युग में धर्म, अध्यात्म और संस्कृति को जोड़ने वाले प्रेरणास्रोत हैं। जयपुर से वृंदावन तक फैला उत्साह इस बात का प्रमाण है कि भक्त जन केवल उनकी कथा ही नहीं, बल्कि उनके जीवन के हर महत्वपूर्ण क्षण को उत्साह और श्रद्धा के साथ जीते हैं।

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